BJP Ayodhya Defeat: शंकराचार्य ने एक इंटरव्यू में पहले ही ये बता दिया था कि अयोध्या में बीजेपी के लिए कुछ भी ठीक नहीं होने वाला है. अब उनका ये बयान तेजी से वायरल हो रहा है
BJP Ayodhya Defeat: लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं, जिसमें किसी भी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया है. हालांकि बीजेपी ने एनडीए के सहारे सरकार बनाने का दावा पेश किया है, क्योंकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 292 सीटें जीती हैं, वहीं कांग्रेस समेत बाकी विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ने 232 सीटें हासिल की हैं. चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी की सीटें कम होने की काफी चर्चा है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा उस अयोध्या की है, जहां चुनाव से ठीक पहले भव्य तरीके से राम मंदिर का उद्घाटन किया गया था. लोग हैरान हैं कि बीजेपी अयोध्या से कैसे हार सकती है. अब इसी को लेकर शंकराचार्य का एक बयान तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने राम मंदिर उद्घाटन के दौरान कई तरह के सवाल उठाए थे और 22 जनवरी को हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी नहीं गए थे. इसके बाद जब चुनाव होने लगे तो शंकराचार्य ने एक इंटरव्यू में पहले ही ये बता दिया था कि अयोध्या में बीजेपी के लिए कुछ भी ठीक नहीं होने वाला है. अब अयोध्या में बीजेपी की हार के बाद उनका यही बयान तेजी से वायरल हो रहा है.
बीजेपी को लेकर की थी भविष्यवाणी शंकराचार्य ने अपने इस इंटरव्यू में कहा था, राम मंदिर से जुड़े जो लोग हैं, अगर वहां पर सही कार्य नहीं हुआ, विधि के अनुसार काम नहीं हुआ तो दुष्परिणाम होंगे, अनिष्ट होंगे. जब शंकराचार्य से पूछा गया कि क्या इस अनिष्ट का असर आने वाले लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि हमने तो कहा है कि अनिष्ट होगा और उसे भोगना पड़ेगा. अब वो किस रूप में होगा, क्या होगा... इस पर अगर हम कुछ कहेंगे तो वही हेडलाइन बन जाएगी. जो लोग इससे जुड़े रहेंगे, उन्हें उसका कुफल भोगना पड़ेगा.
धर्म राजनीति और ढोंग की वस्तु नहीं है उसे आस्था का विषय ही रहने दीजिए...
— Raghav trivedi (@RaghavTrivedi18) June 6, 2024
शंकराचार्य ने पहले ही कह दिया था कि अयोध्या में BJP के लिए अनिष्ट होने वाला है... pic.twitter.com/VXuRXncckt
बता दें कि ये वही शंकराचार्य हैं, जिन्होंने समय से पहले राम मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खुलकर सवाल उठाए थे. उनके अलावा भी कुछ शंकराचार्यों ने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली थी. इसी दौरान शंकराचार्य बार-बार अनिष्ट होने की बात कर रहे थे.
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